हर रिश्ता एक घर से जुड़ा होता है। घर में ही मिलजुलकर आपसी खुशियां मनाते हैं, तीज त्योहार और मांगलिक कार्यों में एक दूसरे के साथ आनंद मनाते हैं। लेकिन घर ही आपकी खुशियों का दुश्मन बन जाए तो जीना दूभर हो जाता है।Pandit Nagesh Shastri ji+91 98725 77543
वास्तुविज्ञान के अनुसार बेड रूप में वास्तुदोष होने पर अक्सर पति-पत्नी के बीच तनाव बना रहता है। ऐसी बातें जिसे हंसी-मजाक में टाला जा सकता है वह भी विवाद का बड़ा मुद्दा बन जाता है।http://www.astroshastri.com
वास्तुशास्त्री रश्मि झा के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा का संबंध अग्नि से है। इसलिए यहां किसी भी हालत में बेडरूम नहीं बनाना चाहिए। इससे घर में रहने वालों की सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहता है। व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है जिससे परिवार में वाद-विवाद होता रहता है।
जिन लोगों ने दांपत्य जीवन की नई शुरूआत की है उनके लिए दक्षिण-पश्चिम हिस्से वाला वाला बेडरूम अनुकूल नहीं होता है। इससे आपसी तालमेल नहीं बन पाता है जिससे रिश्ते में दूरियां बनी रहती है। इनके लिए उत्तर-पश्चिम कोने वाला बेडरूम अच्छा होता है।
बेडरूम में युद्ध, लड़ाई, डूबते सूर्य, मृत व्यक्ति या पशु की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिससे रिश्तों में दूरियों बढ़ती है। वाटर फाउंटेन, एक्वेरियम को बेडरूम में नहीं रखना चाहिए इससे संबंधों में अस्थिरता आती है।
बेड साफ-सुथरा होना चाहिए। गद्दे अलग-अलग नहीं हों, दो से ज्यादा तकिए बेड पर नहीं रखें।
हर सप्ताह या अधिक से अधिक पंद्रह दिन पर बेडकवर, शीट और तकिये के कवर को अवश्य बदलते रहना चाहिए क्योंकि इनमें नकारात्मक ऊर्जा सोखने की क्षमता होती है।
बेड का सही दिशा में होना बहुत जरूरी है। सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण में होना चाहिए।
बेड के भीतर सामान रखने वाली जगह को कबाड़ घर नहीं बनाना चाहिए।
गुलाबी, सफेद या आंखों को सुकून देने वाला कोई रंग बेडरूम में इस्तेमाल करना चाहिए। पूरे कमरे की पुताई एक रंग से होनी चाहिए।
http://www.astroshastri.com
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वास्तुविज्ञान के अनुसार बेड रूप में वास्तुदोष होने पर अक्सर पति-पत्नी के बीच तनाव बना रहता है। ऐसी बातें जिसे हंसी-मजाक में टाला जा सकता है वह भी विवाद का बड़ा मुद्दा बन जाता है।http://www.astroshastri.com
वास्तुशास्त्री रश्मि झा के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा का संबंध अग्नि से है। इसलिए यहां किसी भी हालत में बेडरूम नहीं बनाना चाहिए। इससे घर में रहने वालों की सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहता है। व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है जिससे परिवार में वाद-विवाद होता रहता है।
जिन लोगों ने दांपत्य जीवन की नई शुरूआत की है उनके लिए दक्षिण-पश्चिम हिस्से वाला वाला बेडरूम अनुकूल नहीं होता है। इससे आपसी तालमेल नहीं बन पाता है जिससे रिश्ते में दूरियां बनी रहती है। इनके लिए उत्तर-पश्चिम कोने वाला बेडरूम अच्छा होता है।
बेडरूम में युद्ध, लड़ाई, डूबते सूर्य, मृत व्यक्ति या पशु की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिससे रिश्तों में दूरियों बढ़ती है। वाटर फाउंटेन, एक्वेरियम को बेडरूम में नहीं रखना चाहिए इससे संबंधों में अस्थिरता आती है।
बेड साफ-सुथरा होना चाहिए। गद्दे अलग-अलग नहीं हों, दो से ज्यादा तकिए बेड पर नहीं रखें।
हर सप्ताह या अधिक से अधिक पंद्रह दिन पर बेडकवर, शीट और तकिये के कवर को अवश्य बदलते रहना चाहिए क्योंकि इनमें नकारात्मक ऊर्जा सोखने की क्षमता होती है।
बेड का सही दिशा में होना बहुत जरूरी है। सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण में होना चाहिए।
बेड के भीतर सामान रखने वाली जगह को कबाड़ घर नहीं बनाना चाहिए।
गुलाबी, सफेद या आंखों को सुकून देने वाला कोई रंग बेडरूम में इस्तेमाल करना चाहिए। पूरे कमरे की पुताई एक रंग से होनी चाहिए।
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